फल खाने से वजन कंट्रोल ही नहीं रहता बल्कि कम भी होता है , फलों को सही तरीके से अपने डाइट / मील प्लान में शामिल लीजिए आपको फर्क सातवे दिन से दिखना शुरू जाएगा . फलो से वजन में फर्क क्यों और कैसे पड़ता है ? फ्रूट्स में फाइबर होता है , फाइबर एक तरह का कार्बोहायड्रेट ही होता है मगर शरीर इस फाइबर को डाइजेस्ट नहीं कर पाती है। तो आप जब कोई फ्रूट खाते है तब शरीर को कैलोरी तो मिलती नहीं है , और न ही केलोरी से फेट बन पाता है। मगर फ्रूट्स में पाया जाने वाला फाइबर मोटे लोगो को हेल्प करता है। कैसे ? फाइबर से पेट भरा होने की फीलिंग आती है। और कुछ खाने का मन नहीं होता है। फाइबर से दूसरा बड़ा फायदा यह है की , पेट में बॉउल एक्शन का ठीक करता है फाइबर - इससे पेट और आंते ठीक से काम करते है और डाइजेशन अच्छा होता है। डाइजेशन अच्छा होगा तो जो खाएंगे वो ठीक से पचेगा और पूरा पचेगा , जो भी आप खा रहे है वह ठीक से पच गया तो मानिए की मोटापे को कम होने में बहुत मदद मिल रही है। और फिर अधिकतर मोटे लोगो को पेट और डाइजेशन की बहुत दिक्कत रहती है। फ्रूट्स में जो फाइबर होता है वह लम्बे समय तक पेट
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