आम तौर पर एप्पल और पीयर शेप की बॉडी होती है , मगर फिर भी बॉडी शेप में वेरिएशन होता है , हर एक शरीर एक जैसा नहीं होता है यक़ीनन . इसी लिए शरीर पर जमे हुए फेट के आधार पर हम तीन तरह के फेट को परिभाषित कर सकते है , अपर बॉडी फेट , यानि कमर से ऊपर के हिस्से में जमा हुआ फेट . लोवर बॉडी फेट - यानि कमर के हिस्से पर और नीचे जमा हुआ फेट , और तीसरा बॉडी फेट है - अपर और लोअर दोनों हिस्सों में जमा हुआ फेट .
पुरुषो में ज्यादातर अपर बॉडी फेट होता है , और महिलाओ में लोअर बॉडी फेट . मगर यह नियम नहीं है महिलाओ में अपर बॉडी फेट और दोनों तरह का फेट भी होता ही है . अपर बॉडी फेट केलोरी कम करने से और कसरत वगेरह करने से कम होता चला जाता है , मगर लोअर बॉडी फेट थोड़ा जिद्दी होता है , यह उतनी आसानी से कम नहीं होता जितनी आसानी से अपर बॉडी फेट कम होता है . इसी लिए खान पान का ध्यान रखने के अलावा 20 % एक्सरसाइज़ भी करनी होती है , यानी खाने पीने का ध्यान रखिए और हफ्ते में पांच दिन सुबह या शाम 45 मिनट घुमने जाए ताकि लोअर बॉडी फेट कम हो सके और कम ही नहीं हो बल्कि फिर से लड़कपन वाला शरीर हांसिल हो सके , क्यूंकि ठान लिया जाए तो क्या कुछ नहीं हो सकता है , सब संभव है .
लोअर बॉडी फेट को कम करना इसलिए भी कठिन हो जाता है , क्यूंकि महिलाओं में कई बार मेटाबोलिज्म धीमा होता है , अब मेटाबोलिज्म धीमा है तो शरीर की अंदरूनी प्रक्रिया भी धीमी होगी ही , ऐसे में डाइट में छोटे मोटे परिवर्तन करने होते है , जैसे के हरी सब्जियां फल आदि लीजिए ताकि शरीर को न्यूट्रिशन या पोषण मिल सके और मेटाबोलिज्म संतुलित हो सके .
शरीर को समझना पड़ता है हमे , हम इसे समझ गए तो इसे अपने हिसाब से ढाल सकते है , और बेहतर स्वास्थ्य के साथ एक्टिव और खुश जीवन जी सकते है , जो की हमारा अधिकार है और हमे जीना ही चाहिए जैसे की हम जीना चाहते है .
(ब्लॉग पर आने के लिए शुक्रिया , आपके बेहतर स्वास्थ्य की शुभकामनाए)
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