वजन कम करने के लिए हम अपने क्लाइंट्स को हर्बल लाईफ शेक की सलाह देते है , और निरंतर फीडबेक द्वारा उन्हें बहुत उम्दा परिणाम भी देते है। आइये आपको बताते है की शेक किस किस प्रकार आपको सहायता देता है अपनी फिटनेस वापस प्राप्त करने में।
रतनजीत
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- केलोरी काउंटिंग - वजन कम करने के लिए जरुरी है की आप केलोरी का हिसाब रखे , यानी उतनी ही केलोरी ले जितनी आवश्यक है , अन्यथा ज्यादा केलोरी आप के शरीर में फेट के रूप में जम कर मोटापे में बढ़ोतरी करेंगी , केलोरी का हिसाब रखना थोड़ा मुश्किल टास्क है , ऐसे में यह शेक जो दूध में बना कर पिया जाता है , यह केलोरी का सही हिसाब मेंटेन रखता है। नाश्ते में 400 केलोरी की ब्रेड और चाय की जगह 130 केलोरी का शेक लेंगे तो कम केलोरी में नाश्ता भी हो जाएगा और शरीर बाकी की जरुरत को फेट से केलोरी लेकर पूर्ति करेगा , यानी फेट का कम होना सुबह के नाश्ते से ही शुरू हो गया है , निश्चिन्त रहिये .
- लीन प्रोटीन मास - सीधे शब्दों में समझते है की यह 'लीन प्रोटीन मास ' क्या चीज है , देखिए शरीर में हड्डियों के अलावा मांस और चर्बी रहती है , मांस यानी मसल चर्बी के नीचे रहता है , मांस के ऊपर ही चर्बी जमी होती है सामान्यतः , एक फेक्ट यह है की मसल्स और फेट के आपस में नहीं बनती है , समझ रहे है न ! यानी मसल्स की मात्रा ज्यादा होगी तो फेट की मात्रा कम अपने आप ही कम होता चला जाएगा , इसीलिए मोटे व्यक्ति को जोगिंग की सलाह दी जाती है , ताकि मसल्स डेवलप सके मसल्स डेवलप होंगे तो खुदबखुद फेट आप ही घटता चला जाएगा , समझ होंगे की मसल्स की मात्रा शरीर में बढ़ाएंगे तो.…… फेट आप ही कम होता चला जाएगा . शेक में प्रोटीन होता है जो की मसल मास बढ़ाता है और आपका वजन नियंत्रित होना शुरू हो जाता है।
- पोर्शन कंट्रोल - पोर्शन कंट्रोल को समझते है अब ,,,, हम अक्सर यह शिकायत करते है की खाना खाते समय हमे यह रहता की कितना खाना खाना है , बिलकुल , यह शिकायत नहीं है असल में , यह फेक्ट है - कोई भी व्यक्ति जब खाना खाने बैठता है , वह कितना खाना खाना है इसे नियंत्रित नहीं कर सकता है , यही पोर्शन कंट्रोल कहलाता है , यानी खाने की मात्रा ही कंट्रोल हो जाए तो वजन बढ़ने की बजाए घटेगा ही ! इस शेक में यही पोर्शन कंट्रोल है , आप दूध के साथ शेक पाउडर मिला कर पीते है , और भूख बंद हो जाती है फिर न तो अधिक खाने की इच्छा रहती है न ही पेट में इतनी जगह रहती है की आप कुछ और खाए . पोर्शन कंट्रोल असल में वजन कम होने की बहुत बड़ी वजह है .
- पोषण युक्त मील - अच्छा , यह दावा तो शायद ही कोई व्यक्ति कर सके की वह जो कुछ खा रहा है , वह पूरी तरह से साफ़ सुथरा और पोषणयुक्त है , पोषणयुक्त मतलब की खाने में विटामिन , मिनरल का अच्छी मात्रा में मौजूद होना . यह पोषण युक्त भोजन ही व्यक्ति के शरीर को प्रदूषण से लड़ने की ताकत देता है , मेटाबोलिज्म को स्वस्थ रखता है . यानी जिस तरह पौधे के लिए खाद जरुरी है उसी तरह शरीर के लिए ये पोषण पदार्थ आवश्यक है , सब्जियों से लेकर फलो तक में कितना पोषण और ताजगी आप को मिलती है , यह बताने की जरुरत नहीं है , कोल्ड स्टोरेज और उत्पादन के समय दवा छिड़काव से अच्छे भले पौधे का पोषण स्तर बिगड़ जाता है , शेक में 19 तरह के विटामिन और मिनरल सहित प्रोटीन आदि होते है , जो की आपको बेहतर पाचन शक्ति और कोशिका स्तर तक का पोषण उपलब्ध करवाते है , पाचन और पोषण ठीक हुआ तो मोटापा कहाँ तक और कब तक टिक पायेगा , अंदाजा लगा सकते है हम।
- भूख का बेहतर इलाज - मान लेते है की यकायक तेज भूख लगी है , हम क्या करते है ? बेलेंस मील या कम केलोरी का भोजन ढूंढते है ? नहीं ! कोई नहीं ढूंढता है . हमारी पहली प्राथमिकता होती है की जो कुछ भी मिल जाए उसे खा कर भूख मिटा ले बस . यही वह वक्त होता है जब हम स्ट्रीट फ़ूड को चूज़ करते है , क्यूंकि यह हाथोहाथ मिल जाता है , और भूख में हमे न स्वाद का ध्यान रहता है , न क्वांटिटी का , न यह की यह कितना साफ़ सुथरा है कितना पोषणयुक्त है , मोटापे की शुरुआत यही तो है . बात करे शेक की तो इसे बनाने में मात्र दो से तीन मिनट लगते है , फिर क्या …… पोषण , साफ़ सुथरा , कम केलोरी , भूख कम करने का सभी विकल्प एक साथ मिल गए और अब हम उस फेज से भी निकल गए , जिस फेज में भूख हम पोषण आदि की परवाह नहीं करते है .
रतनजीत
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